महिला दिवस के मौके पर वायुसेना प्रमुख ने घोषणा की है कि आने वाली 18 जून को एयरफोर्स को लड़ाकू महिला पायलट मिल जायेंगी. शुरुआत में वायुसेना में तीन (03) फायटर पायलट होंगी. वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अरुप राहा ने आज घोषणा की कि 18 जून को तीन महिला पायलट की ट्रैनिंग पूरी हो जायेगी.
हैदाराबाद के करीब डिंडीगुल एयरबेल पर तीनों महिला फायटर पायलट की पासिंग-ऑउट परेड होगी. उसके बाद तीनों विधिवत रुप से वायुसेना की फ्लाईट-ऑफिसर बन जायेंगी. अगर ऐसा हुआ तो वायुसेना देश का पहला ऐसा बल होगा जहां महिलाएं सीधे युद्ध में हिस्सा ले सकेंगी. अरूप राहा ने तो यहां तक ऐलान कर डाला कि भविष्य में महिला फाइटर पायलट दुश्मन की सीमा में घुसकर भी ऑपरेशन कर सकेंगी.
वायुसेना से मिली जानकारी के मुताबिक, ये तीनों महिला पायलट हैं, अवनी चतुर्वेदी, भावना कांत और मोहना सिंह. अवनी चतुर्वेदी मध्य-प्रदेश के रीवा की रहने वाली है और उसका भाई सेना में है. गुजरात के बड़ोदरा की रहनी वाली मोहना के पिता वायुसेना में सार्जेंट (सर्विंग) हैं. जबकि मथुरा की रहने वाली भावना के परिवार का कोई मिलेट्री बैकग्राउंड नहीं है.
वायुसेना में फिलहाल 1300 महिला अधिकारी है. इनमें से 94 महिला पायलट हैं. लेकिन ये महिला पायलट सुखोई, मिराज, जगुआर और मिग जैसे फाइटर जेट्स नहीं उड़ाती हैं. महिलाएं सिर्फ ट्रांसपोर्ट हेलीकाॅप्टर और एयरक्राफ्ट उड़ाती हैं. लेकिन अब युद्धक्षेत्र में भी महिलाएं पुरूषों से कंधे से कंधा मिलाकर हिस्सा ले सकती हैं. थलसेना और नौसेना में भी महिला अधिकारी नॉन-कॉम्बेट यूनिट जैसे इंटेलीजेंस, सर्विलांस, शिक्षा, प्रशासनिक विंग में तो तैनात है लेकिन युद्धक्षेत्र में हिस्सा लेने वाली रेजीमेंट में उन्हे तैनात नहीं किया जाता.
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