सांप्रदायिक घटनाओं की वजह से उत्तर प्रदेश का आगरा अकसर सुर्ख़ियों में रहता है. हाल ही में विश्व हिन्दू परिषद के एक नेता की हत्या की वजह से आज-कल यह शहर तनावपूर्ण हवाओं में सांस लेने को मजबूर है. इस तनावपूर्ण माहौल के बीच एक हिन्दू घर ऐसा भी है, जहां एक मुस्लिम लड़की उनके परिवार के लिए कोई फरिश्ता बन कर आई. 'साघिर फातिमा मुहम्मदिया गर्ल्स इंटर कॉलेज' में पढ़ने वाली नाज़िया की वजह से ही आज इस परिवार की बेटी डिम्पी उनके पास है.
पिछले साल अगस्त में 2 युवक 6 साल की डिम्पी को किडनैप करने की कोशिश कर रहे थे. इस शोर-शराबे के बीच नाज़िया वहां पहुंच गई और बिना देर किये डिम्पी को बचाने के लिए कूद पड़ी. डिम्पी की हिम्मत के सामने किडनैपर्स के हौसले पस्त हो गए और वो मैदान छोड़ कर भाग गए.
डिम्पी को ले कर नाज़िया अपने पास के स्कूल भाग आई और प्रिंसिपल को सारा वाकया बताया. जिसके बाद स्कूल प्रशासन ने पुलिस को इसकी जानकारी दी और नाज़िया के साथ डिम्पी को उसके घर पहुंचाया. हाल ही में प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री अखिलेश कुमार ने 14 वर्षीय नाज़िया की इस हिम्मत के लिए रानी लक्ष्मी बाई पुरस्कार से सम्मानित किया है.
नाज़िया की हिम्मत की वजह से एक परिवार की खुशियां सही सलामत तो है ही, इसके साथ ही एक मिसाल भी है कि इंसानियत का कोई धर्म नहीं होता.
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